गौतम अदाणी | |
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जन्म | गौतम शान्तिलाल अदाणी 24 जून 1962 (1962-06-24) (आयु 62) अहमदाबाद, गुजरात, भारत |
आवास | अहमदाबाद]], गुजरात, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | अदानी समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष |
कुल दौलत | सं॰रा॰$१५ ००० करोड़ (२०२२)[1] |
प्रसिद्धि का कारण | अदानी समूह की सफलता |
धर्म | जैन धर्म |
जीवनसाथी | प्रीति |
बच्चे | करण अदाणी जीत अदाणी |
गौतम शान्तिलाल अदाणी (गुजराती: ગૌતમ શાંતિલાલ અદાણી; जन्म 24 जून 1962) एक भारतीय उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है जो अदानी समूह के अध्यक्ष हैं। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढ़ाँचा है।[2] 33 वर्षों के व्यापार अनुभव के के साथ, गौतम अदाणी प्रथम पीढ़ी के उद्यमी हैं जिन्होंने अपेक्षाकृत लघु समय में $ 2000 अरब का पेशेवर कारोबारी साम्राज्य आदानी समूह का नेतृत्व करने वाले एक मामूली पृष्ठभूमि के व्यक्ति हैं।[3] उन्हें व्यापार-परिवहन एवं परिवहन सम्बंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व भर के 100 सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में गिना जाता है।
12 अप्रैल 2022 को गौतम अदाणी दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स बन गए थे | अदाणी समूह के शेयरों में जबरदस्त तेजी की वजह से उनकी संपत्ति में ये उछाल देखने को मिला था [4]|
2022 में अपने जन्मदिन और पिता की 100वीं पुण्यतिथि पर अदाणी ने अपनी संपत्ति में से 7.7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) सामाजिक कार्यों के लिए दान करने का संकल्प लिया हैं [5]| हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने बाद मिस्टर अदाणी की संपत्ति में भरी गिरावट देखने को मिली! 24 फरवरी 2023 तक इनकी संपत्ति गिरकर 33 अरब डॉलर के करीब बची ! इस प्रकार अदाणी दुनिया टॉप 30 की सूची से बाहर हो गए|
गौतम अदाणी का जन्म 24 जून 1962 को अहमदाबाद के रतनपोल में स्थित सेठ नी पोल क्षेत्र के गुजराती जैन परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम शान्तिलाल जैन एवं माता का नाम शान्ता जैन अदाणी है और उनके सात भाई-बहन हैं। उनके माता पिता आजीविका के लिए थराड़ कस्बे से गुजरात के उत्तरी हिस्से बस गये, अदाणी इनका एक गौत्र है। नब्बे के दशक में गौतम अदाणी का अपहरण हुआ था | कहा जाता है कि फिरौती के लिए उनका अपहरण किया गया था[6] |
गौतम अदाणी को सिर्फ 16 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने के लिए मुंबई जाना पड़ा. साल 1978 में वह मुंबई गए और हीरे का कारोबार शुरू किया | लेकिन 1981 में वह गुजरात लौट गए और अपने भाई की प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम शुरू किया | साल 1988 में उन्होंने कमोडिटी का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट करने वाली कंपनी के रूप में अदाणी एंटरप्राइजेज की शुरुआत की[7]. साल 1991 में हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत अदाणी का बिजनेस जल्द ही डायवर्सिफाई हुआ और वह एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए[8] | साल 1995 का साल गौतम अदाणी के लिए बेहद सफल साबित हुआ, जब उनकी कंपनी को मुंद्रा बंदरगाह के संचालन का कॉन्ट्रैक्ट मिला | 1996 में अदाणी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आई | उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में माइंस, पोर्ट और रेलवे जैसे कारोबार में कदम रखा. साल 2010 में उन्होंने इंडोनेशिया में माइनिंग कारोबार शुरू किया. साल 2011 में अदाणी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया के अबॉट पॉइंट कोल टर्मिनल को 2.72 अरब डॉलर में खरीदा |
आज अदाणी ग्रुप का कारोबार एनर्जी, पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग, गैस, डिफेंस एवं एयरोस्पेस और एयरपोर्ट जैसे विविध क्षेत्रों तक फैला है. अदाणी समूह की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में शामिल हैं-अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदाणी पावर, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड और अदाणी विल्मर |
27 अप्रैल 2022 को गौतम अदाणी दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बन गए थे | उनकी संपत्ति मइक्रोसॉफ़्ट के बिल गेट्स के बराबर हो गई थी[9] |लेकिन अब वह दुनिया की अमीरों की सूची में के चालीसवें स्थान पर लुढक गये हैं
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